Thursday, July 31, 2008

जमीन जंग में नेशनल सिख फ्रंट भी समर्थन में आ उतरा

जम्मू, हमारे संवाददाता : श्री अमरनाथ जमीन मुद्दे पर जारी आंदोलन को अब नेशनल सिख फ्रंट ने भी समर्थन दिया है। फ्रंट ने कहा है कि सरकार को किसी भी कौम के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में फ्रंट के चेयरमैन वीरेंद्र जीत सिंह ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्यपाल ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों को विश्वास में लिए बिना ही जमीन सरकार को लौटा दी। इससे हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। श्री अमरनाथ यात्रा संघर्ष सीमित को समर्थन देने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि कुलदीप वर्मा के शव के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए। अफसोस की बात यह है कि जब कश्मीर में कोई घटना होती है तो मानवाधिकार आयोग नोटिस लेता है, लेकिन अब आयोग कहां है। सिंह ने कहा कि कुर्बानियों के बिना लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। सिखों ने गुरुद्वारों को आजाद करवाने के लिए बलिदान दिए हैं। जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था तब गुरुद्वारा ननकाना साहिब को आजाद करवाने के लिए सैकड़ों सिखों ने शहादत दी। तब जाकर गुरुद्वारा अधिनियम 1925 बना। उन्होंने कहा कि किसी भी कौम के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। जब आजाद सरकार ही अल्पमत में थी तो उसने जमीन को वापस लेने का फैसला कैसे कर लिया। संवाददाता सम्मेलन में फ्रंट के प्रधान कुलवंत सिंह भट्टी, महासचिव हरविंद्र सिंह, हरजीत सिंह, कुलदीप सिंह खोखर उपस्थित रहे।
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