Saturday, August 9, 2008

भाई-बहन के प्यार पर चंद्रग्रहण का साया

बहन और भाई के प्यार पर इस बार चंद्र ग्रहण का असर साफ दिखाई पडेगा। बहनों के पास पूरे दिन में सिर्फ डेढ घंटा ऐसा होगा, जिसमें वह अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी तथा उन्हें मिठाई खिला सकेंगी। बाकी समय राखी के त्यौहार के लिए कतई उत्तम नहीं माना गया है।

रक्षाबंधन का त्योहार 16अगस्त को है। इसी दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा। रक्षाबंधन और चंद्रग्रहण दोनों शनि की राशि कुंभ और मंगल नक्षत्र में पड रहे हैं।

चंद्रग्रहण के समय सूर्य भी अपनी राशि परिवर्तित कर रहा है। रक्षाबंधन के दिन यह सारे संयोग भाई और बहन के प्यार पर ग्रहण के रूप में सामने आ सकते हैं। गायत्री ज्योति अनुसंधान संस्थान करनाल और कुरुक्षेत्र के संचालक पंडित रामराज कौशिक के अनुसार 16अगस्त को दोपहर दो बजकर 33मिनट तक भद्रा रहेगी। इसी दिन शाम चार बजे से चंद्रग्रहण का सूतक आरंभ होगा। इसलिए दो बजकर 33मिनट से शाम चार बजे के बीच डेढ घंटे में ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा सकता है। पंडित रामराज के अनुसार 16अगस्त की मध्यरात्रि के बाद एक बजकर छह मिनट से अगले दिन सुबह चार बजकर 16मिनट तक चंद्रग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण की अवधि में मीठा दूध चंद्रमा को अर्पित करें तथा चांदी, शंख, घी, चीनी, आटा और चावल समेत सफेद वस्तुओं का दान उत्तम रहेगा। उन्होंने चंद्रग्रहण के दौरान किसी तीर्थ में स्नान करने की भी सलाह दी है।

पंडित रामराज ने बताया कि चंद्रग्रहण के समय सूर्य के राशि परिवर्तित करने से प्राकृतिक आपदाएं संभव हैं। यह स्थिति सत्ता में बैठे लोगों के लिए अशुभ रह सकती है। उनके अनुसार भद्रा में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने से भाइयों की आयु कम होगी तथा ग्रहण के सूतक में भाइयों को तिलक कर उनका मुंह मीठा करने से नकारात्मक असर पडेगा। रामराज कौशिक के अनुसार चंद्रग्रहण मेष, मिथुन और कुंभ राशियों के लिए अशुभ तथा वृष, कर्क, मकर व सिंह राशियों के लिए मानहानि और कष्ट देने वाला साबित होगा। वृश्चिक, धनु और मीन राशियों के लिए चंद्रग्रहण लाभ प्रदान करेगा। उन्होंने चंद्रग्रहण की अवधि में धार्मिक कार्य करने की सलाह दी है।

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